क्या गर्भावस्था में करवाचौथ का व्रत रखना सुरक्षित है? जानिए डॉक्टरों की राय।

करवाचौथ का व्रत गर्भावस्था में पूरी तरह निर्जला (बिना पानी) व्रत रखना सुरक्षित नहीं माना जाता, क्योंकि यह लंबा उपवास गर्भवती और बच्चे दोनों के लिए health risks जैसे dehydration, low blood pressure, dizziness आदि बढ़ा सकता है। लेकिन डॉक्टरों की सलाह के अनुसार, गर्भवती महिलाएँ modified fasting रख सकती हैं, जिसमें पूरे दिन फल, दूध, नारियल पानी या हल्के स्नैक्स लिए जा सकते हैं। यह व्रत केवल दूसरे ट्राइमेस्टर (4-6 महीने) में डॉक्टर की अनुमति से ही रखना चाहिए। फास्टिंग के दौरान hydration और nutrition का विशेष ध्यान रखना सबसे जरूरी है।

🩺डॉक्टरों की राय और सावधानियाँ
🔹गर्भावस्था में हर 2-3 घंटे में पानी, नारियल पानी, छाछ या फलों का रस लेना चाहिए।
🔹4-5 घंटे से ज्यादा खाली पेट न रहें।
🔹पूजा के बाद हल्का, पौष्टिक भोजन लेना आवश्यक है।
🔹व्रत के कारण weakness, vomiting या dizziness हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
🔹अगर ब्लड प्रेशर low हो तो व्रत न रखें।
🔹पूजा की भावना श्रद्धा से निभाएं, बिना शरीर को ज़्यादा थकाए।
🔬वैज्ञानिक दृष्टिकोण
🔹एक अध्ययन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में लंबा उपवास dehydration और ketone level बढ़ा सकता है, जिससे fetal growth पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।🔹इसलिए शरीर में electrolyte balance बनाए रखना आवश्यक है।
📃 सुरक्षित विकल्प
🔹सूर्योदय से पहले दूध और फल लें।
🔹दिन में liquid diet जैसे छाछ, नारियल पानी, स्मूदी लें।🔹पूरी निर्जला उपवास के बजाय हल्का व्रत रखें।
🔹पति की लंबी उम्र की शुभकामना और सकारात्मक affirmations के साथ व्रत की भावना को बनाए रखें
🤔सारांश 
गर्भावस्था में करवाचौथ का व्रत श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है लेकिन इसे स्वस्थ तरीके से रखना चाहिए। पूर्ण निर्जला उपवास से बचें और modified fasting का पालन करें ताकि मातृ और शिशु स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। इस त्योहार की असली भावना प्यार और सम्मान है, इसलिए तन मन से व्रत करें और स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखें।

यह जानकारी AIIMS, WHO, डॉक्टरों और वैज्ञानिक वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर तैयार की गई है और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत की गई है।
👉ज़रूर पढ़े :-


टिप्पणियाँ