त्रिफला चूर्ण क्या है?
त्रिफला चूर्ण आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि है, जो तीन फलों—हरड़, बहेड़ा और आंवला—के पाउडर से बनती है. इसका प्रयोग सेहत, पाचन और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में होता है.
सामग्री और अनुपात
अनुपात: 1:2:3 (हरड़:बहेड़ा:आंवला) ही सबसे उपयोगी और गुणकारी माना जाता है.
बनाने की विधि
तीनों फलों को अच्छी तरह साफ करके बीज निकालें.
बारीक काटकर 3-4 दिन धूप में सुखाएं.
सूखने के बाद ग्राइंडर या मिक्सर में महीन पाउडर बना लें.
कांच या एयरटाइट कंटेनर में डालकर रखें.
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. त्रिफला चूर्ण कितने दिन तक खा सकते हैं?
याॅ सामान्यतः 15 दिन से उपयोग शुरू करें, परिणाम दिखने लगेंगे.
2. इसे कैसे और कब लेना चाहिए?
सुबह या रात, 5 ग्राम तक, पानी या गर्म दूध के साथ लें.
3. त्रिफला किस रोग में लाभकारी है?
पाचन, कब्ज, त्वचा रोग, नेत्रज्योति व इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद.
4. स्टोर कैसे करें?
एयरटाइट कंटेनर या कांच के जार में, नमी से बचाकर रखें.
5. क्या इसमें कोई साइड इफेक्ट है?
शुद्ध चूर्ण सीमित मात्रा में लें, अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है.
टिप: हमेशा शुद्ध फल लेकर, सही अनुपात में त्रिफला चूर्ण तैयार करें, इससे मिलावट और नुकसान से बचाव होता है
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें